ट्रेन में मिडिल बर्थ मिले तो क्या करें? कोरोना में सफर से पहले जरूर समझें Indian Railways का नियम
Indian Railways reservation rules: ट्रेन में सफर को हर कोई आरामदायक बनाना चाहता है. टिकट बुकिंग के वक्त ही बर्थ सेलेक्शन किया जाता है. हर मुसाफिर अपना कन्फर्ट देखता है. बर्थ से लेकर सामान को एडजस्ट करने तक सबकुछ परफेक्ट चाहता है.
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कड़े नियम (Indian Railways rules) बनाए हुए हैं. (प्रतीकात्मक)
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कड़े नियम (Indian Railways rules) बनाए हुए हैं. (प्रतीकात्मक)
Indian Railways reservation rules: ट्रेन में सफर को हर कोई आरामदायक बनाना चाहता है. टिकट बुकिंग (Train Ticket Booking) के वक्त ही बर्थ सेलेक्शन (Berth Selection) किया जाता है. हर मुसाफिर अपना कन्फर्ट देखता है. बर्थ से लेकर सामान को एडजस्ट करने तक सबकुछ परफेक्ट चाहता है. लेकिन, ऐसा होता नहीं. क्योंकि, रेलवे (Indian Railways) का पास भी हर चीज की लिमिटेशन है. खासकर, कोरोना के वक्त में यात्रियों की सुरक्षा काफी अहम है. इसलिए कुछ बातों और नियमों का ख्याल यात्रियों को भी रखना चाहिए. यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कड़े नियम (Indian Railways rules) बनाए हुए हैं. इन नियमों की जानकारी होना और उन्हें फोलो करना दोनों ही जरूरी है.
नियमों को रखें ध्यान
सफर के दौरान मीडिल बर्थ (Train Middle berth) आपको मिल जाए तो क्या करेंगे? लोअर बर्थ वाले मुसाफिर अक्सर देर रात तक बैठे रहते हैं. ऐसे में काम आते हैं रेलवे के नियम, मिडिल बर्थ को लेकर रेलवे के निमय (Railway rule for Middle berth) अलग हैं यात्रा करते वक्त अपने अधिकार और रेलवे के नियमों की जानकारी शायद ही कुछ लोगों को होती है. लेकिन, ये नियम बड़े काम के होते हैं. इनकी जानकारी न होने पर यात्री धोखा खाते हैं.
मिडिल बर्थ के लिए सोने का नियम (Train Middle berth rules)
अक्सर हम देखते हैं कि मिडिल बर्थ पर सोने वाले यात्री, इसे ट्रेन शुरू होते ही खोल लेते हैं. इससे लोअर बर्थ (Train Lower berth) वाले यात्री को काफी दिक्कत होती है. रेलवे के नियम के मुताबिक, मिडिल बर्थ वाला यात्री अपनी बर्थ पर 10 बजे रात से सुबह 6 बजे तक ही सो सकता है. रात 10 से पहले अगर कोई यात्री मिडिल बर्थ खोलने से रोकना चाहे तो रोका जा सकता है. वहीं, सुबह 6 बजे के बाद बर्थ को नीचे करना होगा, ताकि दूसरे यात्री लोअर बर्थ पर बैठ सकें.
दो स्टॉप का नियम (Seat allotment rules)
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अगर आप की ट्रेन छूट जाती है तो TTE अगले दो स्टॉप या अगले एक घंटे तक (दोनों में जो पहले हो) आपकी सीट किसी और यात्री को अलॉट नहीं कर सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि अगले दो स्टॉप में से किसी से आप ट्रेन पकड़ सकते हैं. तीन स्टॉप गुजर जाने के बाद टीटीई के पास अधिकार होता है कि वह RAC लिस्ट में अगले व्यक्ति को सीट अलॉट कर दे.
यात्रा को बढ़ाना (Extend your destination)
कई बार पीक सीजन के दौरान आप जिस स्टेशन तक जाना चाहते हैं, वहां तक की टिकट नहीं मिलती है. उस स्थिति में यात्री कुछ स्टेशन पहले के लिए टिकट ले लेते हैं. इस स्थिति में निर्धारित स्टेशन पर पहुंचने से पहले TTE को सूचित करके अपनी यात्रा को बढ़ा सकता हैं. TTE आपसे अतिरिक्त किराया वसूलेगा और आगे की यात्रा के लिए टिकट बना देगा. आपको अलग बर्थ दी जा सकती है. अगर खाली बर्थ नहीं मिली तो आपको बाकी यात्रा चेयर कार में करनी होगी.
रात 10 बजे के TTE नहीं करेगा टिकट चेक (Indian Railways Ticket checking rules)
आपकी यात्रा के दौरान ट्रैवल टिकट एग्जामिनर (TTE) आपसे टिकट लेने आता है. कई बार वह देर आकर आपको जगाता है और अपनी आईडी दिखाने को कहता है. लेकिन, आपको बता दें, रात 10 बजे के बाद TTE भी आपको डिस्टर्ब नहीं कर सकता है. टीटीई को सुबह 6 से रात 10 बजे के बीच ही टिकटों का वेरिफिकेशन करना जरूरी है. रात में सोने के बाद किसी भी पैसेंजर को डिस्टर्ब नहीं किया जा सकता. यह गाइडलाइन रेलवे बोर्ड की है. हालांकि, रात को 10 बजे के बाद यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों पर यह नियम लागू नहीं होता.
03:37 PM IST